Stock market learning Part 02 | अविभाज्य संबंध: मानव और शेयर बाजार…

Stock market learning

stock market learning Part 02 – द्वितीय विश्व युद्ध का दौर था, फ्रांस में दो भाई  रहते थे। पिता अमीर थे,इसलिए धन का बराबर बंटवारा हो गया था। दोनों का स्वभाव अलग,एक भाई शराब का आदी हो गया और शराबी बन गया। उसने अपना सारा धन पानी की तरह दारू में बहा दिया। उस के घर की जगा शराब के खाली बोतलो ने ली।लेकिन शराब पिने की आदत छुटी नहीं।

हालाँकि, दूसरा भाई मितव्ययी था। उसने अपनी संपत्ति से विभिन्न कंपनियों के शेयर खरीदे। उससे वह अरबपति बन गया। हालांकि, इसके बाद, वह लगातार शेयरों का आदी हो गया।

समय के साथ, बाजार में गिरावट आयी। शेयर की कीमतें गिर गई। हर जगह मंदी के कारण, उसने अपने शेयर स्क्रैप कीमतों पर बेच दिए और घाटा हो गया। शेयर बाजार में दिन के कारोबार में गरीब-अमीर संबंध जल्दी बदल जाते हैं। इसलिए शेयर बाजार में हमेशा सतर्क रहना जरुरी  है ।                                              

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शेयर बाजार की उत्पत्ति: stock market learning

पुरे एशिया महाद्वीप में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज को सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज के रूप में जाना जाता है। मुंबई  स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना का विचार वर्ष 1875 में  किया गया था। तभी दी  नेटिव एंड स्टॉक ब्रोकर एसोसिएशन की स्थापना 1877 में हुई थी|                    

यूरोप में सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज 1460 में बेल्जियम में स्थापित किया गया था। फिर वर्ष 1773 लंदन में शेयर बाजार आया। न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज, जिसे अब वॉल स्ट्रीट के रूप में जाना जाता है, साल 1792 में स्थापित किया गया था।

हालांकि शेयर बाजार के उदय का इतिहास दिलचस्प है, फिर भी  दुनिया के सारे भौगोलिक हिस्सों पर इसका वर्चस्व है। 

आपको जानकर हैरानी होगी के शेयर बाजार का जन्म विविध पेड़ों की छाया के नीचे हुवा था ।

जैसे नीम के छाया की कृपा कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज पे हुई , मुंबई स्टॉक एक्सचेंज ने वड़ की छाया ली। 

वर्तमान में यह स्थान मुंबई में हरनीमल सर्कल, दलाल स्ट्रीट, टाउन हॉल के पास है। बाद में शेयर बाजार फिरोज जीजीभाई टॉवर में भरने लगा।

व्यावहारिक और भावनात्मक का मिश्रण: stock market learning Part 02

मनुष्य और शेयर बाजार के बीच एक अविभाज्य संबंध है। जीवन की घुमावदार सड़क पर बहुत सारे फिसलन, दुर्घटना-ग्रस्त स्थान हैं। सावधानी बरतने की आवश्यकता है अन्यथा दोनों स्थानों पर दुर्घटनाएं होंगी। लगभग सभी के जीवन के पक्ष में कांटे हैं। उस पर पैर रखना है के नहीं रखना है, या फिर कांटे को ही रास्ते से हटाना है? यह तो सबका अपना अपना  निजी मामला है। शेयर बाजार में एक व्यक्ति समाज का प्रतिनिधि होता है। समाज में सभी अच्छे, बुरे, स्वभाव के लोग पाए जाते हैं।

कोई भी ऑपरेटिंग सिस्टम अच्छी होती है, लेकिन इसका उपयोग करने वाले व्यक्ति की ताकत, क्षमता, सीमाओं आदि के कारण प्रदूषित हो जाती  है। शेयर बाजार भी इसीका एक हिस्सा है। शेयर बाजार व्यावहारिक और भावनात्मक मानव प्रकृति दोनों का मिश्रण है। वह कभी उत्साही और कभी हतोत्साहित होता है। कभी-कभी यह डरावना या चिंतित लगता है। तो कभी-कभी वह एक शूरवीर की तरह निडर होता है|

जलप्रलय, दहशतवादी हमले, ऐसी कई घटनाओं का शेयर बाजार पर अच्छा और बुरा प्रभाव होता रहता हैं। ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना साल 1600 में हुई थी। वह कंपनी व्यापार के लिए भारत आयी और शासक बनी। उसका वास्तविक प्रभाव वर्ष 1858 तक महसूस किया गया था। शेयर बाजार कब और कहा स्थापित किया गया इसकी जानकारी किसीने भी दी हो लेकिन असल रूप में हर्षद मेहता और केतन पारिख, के प्रकरण के कारण ही निवेशको को शेयर बाजार सही अर्थों में समझा। 

जोखिम जीवन का अभिन्न अंग है : Stock market learning Part 02                                          

शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा है। इसमें जुआ खेलने की प्रवृत्ति होती है, सामान्य वर्ग यह विश्वास करते हुए शेयर बाजार से चार हाथ दूर रहा। 

वैसे देखा जाये तो सोलहवां वर्ष जब खतरे में होता है तब जीवन में सफलता पानेके कई मार्ग होते है। जीवन में मुश्किलें तो आती रहती है| life is beautiful, यह सूत्र जो व्यक्ति नहीं समझा वो शेयर बाजार में अपने निवेश का गला घोट देता है|

शेयर बाजार के  प्रति अपना दृष्टिकोण बदलना चाहिए। युवाओं के लिए शेयर बाजार में कई अवसर हैं। उसके पास साहस है,दृढ़ संकल्प है, उसे स्वर्ण बनाने का आत्मविश्वास है। इसके लिए एक अध्ययनशील, सतर्क, चिकित्सा निवेशक की आवश्यकता होती है। शेयर बाजार के बारे में सकारात्मक सोच, दृष्टि को हमेशा बनाए रखना चाहिए। अंधी नकल के बिना, बुद्धिमानी से, तार्किक रूप से निवेश करना होता है।

अतिथ में लोग तर्क,पारदर्शिता की कमी के कारण भगवान पे भरोसा कर शेयर बाजार में निवेश करते थे| ईश्वर पर विश्वास करें और शेयर बाजार में व्यापार करें। लेकिन वर्तमान में, शेयर बाजार पर संपूर्ण नियंत्रण शासन का है, और पारदर्शिता भी बढ़ रही है। आम निवेशक विश्वास कर रहा है।

बढ़ती महंगाई, मुद्रास्फीति, कच्चे तेल की कीमतें, रुपये में अस्थिरता, कम ब्याज दरें इन्ही कारण निवेशकों को शेयर बाजार में, अपने निवेश को मोड़ने के आलावा कोई भी गत्यंतर नहीं है।

stock market learning Part 02 : शेयर बाजार में निवेश जोखिम भरा है

जिस तरह सभी नदियों का पानी समुद्र में बह जाता है, उसी तरह वित्त मंत्री की, देश के सभी निवेश को शेयर बाजार में बदलने की मानसिकता है। तो उद्योग को सही मात्रा में पूंजी मिलेगी। अर्थशास्त्र को नई गति मिलेगी। आर्थिक प्रगति तेजी से होगी। इस तरह के संचलन अभी चल रहे हैं।

राष्ट्र के विकास में शेयर बाजार का हिस्सा,भविष्य में बहुत बड़ा होगा। अर्थव्यवस्था ही एक ऐसा हथियार है जो हर देश के पास होगा। जो अपने आप ही जीवित रहने का एक क्षमाप्रार्थी प्रयास होगा। ऐसे अर्थशास्त्र में नए रुझानों के साथ उद्योजक,निवेशक आदि को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। तो क्यों न हम ऐसी शुरुवात अभी से करे|

शेयर बाजार के नाम और स्थापना : stock market learning Part 02

मुंबई स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना-1877

अहमदाबाद स्टॉक एक्सचेंज-1884

कोलकाता स्टॉक एक्सचेंज-1908 

मध्य प्रदेश स्टॉक एक्सचेंज-1930 

मद्रास स्टॉक एक्सचेंज-1937 

हैदराबाद स्टॉक एक्सचेंज-1943 

दिल्ली स्टॉक एक्सचेंज-1947 

इंदौर स्टॉक एक्सचेंज-1956 

बैंगलोर स्टॉक एक्सचेंज-1957

कोचीन स्टॉक एक्सचेंज-1978

कानपुर, पटना, लुधियाना, जयपुर, मैंगलोर, पुणे स्टॉक एक्सचेंज – 1982-86

भुवनेश्वर स्टॉक एक्सचेंज-1989

राजकोट स्टॉक एक्सचेंज-1989 

बड़ौदा स्टॉक एक्सचेंज-1990

ओटीसीआई स्टॉक एक्सचेंज-1990

मिरत स्टॉक एक्सचेंज-1991

एनएसई स्टॉक एक्सचेंज-1993

तो चलिए शेयर बाजार की (Stock market learning) सैर करते हैं। शेयर बाजार की सीरीज

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