भारत की आर्थिक (India’s economic) रिकवरी को लेकर जो 13 फ़ीसदी तक विकास दर के अनुमान लगाए गए हैं वह गलत साबित हो सकते हैं |
हाल ही में आरबीआई ने दावा किया कि कोरोना की दूसरी लहर में अर्थव्यवस्था पर कोई असर नहीं होगा, इसके अगले आईएमएफ की रिपोर्ट में रिकवरी की रफ्तार तो देश बने रहने का भरोसा जताया गया था, लेकिन यह भी आशंका जताई गई थी कि दूसरी लहर के मद्देनजर लगाए गए प्रतिबंधों के चलते आर्थिक रिकवरी को ब्रेकर्स का सामना करना पड़ सकता है|
इसकी सबसे ताजा मिसाल होली कारोबार को माना जा सकता है, इस बार बाजारों, दुकानों में लोगों की भीड़ हर साल जैसी नहीं रही| शुरुआती आंकड़ों के मुताबिक कई राज्यों में होली पर व्यापार घटकर आधा रह गया है, यानि हर साल होली पर होने वाले 25 हजार करोड़ के कारोबार के घटकर 12 से 15 हजार करोड़ रह जाने की आशंका है|
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इस बार चीन से होली पर आयात होने वाले 10 हजार करोड़ के सामान को देसी मैन्युफैक्चर ने बनाया था, ऐसे में घरेलु इंडस्ट्री को बढ़ावा मिलने की जगह बिक्री ना होने से तगड़ा नुकसान हुआ है|
इसकी बड़ी वजह रही है, कि सार्वजनिक तौर पर राज्यों में होली को मनाने पर रोक थी| इससे होली मिलन समेत तमाम तरह के होली से जुड़े कार्यक्रमों का आयोजन नहीं हुआ लोगों ने भी अपने घरों के भीतर ही होली मनाइ| पहले जहां अपने परिजनों मित्रों रिश्तेदारों के साथ बड़े पैमाने पर होली मनाई जाती थी, वह केवल परिवार के सदस्यों के बीच सिमट कर रह गई, उद्योग जगत का भी मानना है कि होली पर इस बार कारोबार में बड़ी गिरावट की आशंका है|
हालांकि होली का त्योहार तो आकर निपट गया है, लेकिन गिरावट का असर कहीं होली के बाद भी जारी रह कर आर्थिक रिकवरी को सुस्त ना कर दे इस बात की आशंका तेज होती जा रही है| जानकारों का भी मानना है कि कोरोना की दूसरी लहर के साए में इस साल भारत की आर्थिक रिकवरी को लेकर जो 13 फ़ीसदी तक विकास दर के अनुमान लगाए गए हैं वह गलत साबित हो सकते हैं |
मुंबई समेत कई राज्यों में लोकल लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू लगाए गए हैं|
जिस तरह से देश की आर्थिक राजधानी मुंबई समेत कई राज्यों में लोकल लॉकडाउन, नाइट कर्फ्यू या दूसरे प्रतिबंध लगाए गए हैं इससे इकोनामी की रिकवरी के कमजोर होने की आशंका तेज हो गई है| 16 राज्यों के 70 जिलों में कोरोना के मामलों में 150 % तक की तेजी दर्ज की गई है| देश के 8 राज्यों में कोरोना की दूसरी लहर का संकट खड़ा हो गया है| हेल्थ एक्सपर्ट्स का भी मानना है, कि कोरोना की दूसरी लहर गंभीर रूप अख्तियार करती जा रही है|

अब सरकार को कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए टीकाकरण तेज करना होगा, और लोगों को भी संक्रमण के बचाव के लिए ज्यादा सावधानी बरतनी होगी, अगर इसमें लापरवाही की गई, तो फिर यह जान और जहान दोनों पर भारी पड़ेगा|